Friday, August 31, 2012

क्यों पहले ?

सपने क्यों टूटे नींद खुलनेसे पहले?
कहानी क्यों खत्म शुरू होनेसे पहले?

हम मे फासले क्यों बढे मिलनेसे पहले?
कलियाँ क्यों मुरझायी खिलनेसे पहले?

दिल क्यों टूटे दो मिलनेसे पहले?
शमा क्यों बुझी हवा चलनेसे पहले?

आँसू क्यों बहे आँख मलनेसे पहले?
पतझड क्यों बसंत खिलनेसे पहले?

भूचाल क्यों, धरती हिलनेसे पहले?
जुदाई क्यों आँख मिलनेसे पहले?

धुवाँ क्यों उठा दिल जलनेसे पहले?
जुदा क्यों हम जनाजा चलनेसे पहले?


निशिकांत देशपांडे  मो. नं. ९८९०७ ९९०२३
E Mail-- nishides1944@yahoo.com

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